Wednesday 15 May 2013

                                 
                                "तेरी यादों की रहगुज़र में दामन आज तर है ,
                                      यूँ नहीं हुई है हवाएँ , कभी नम चलते-चलते "
                                             "वक़्त के गलियारों की रफ़्तार में कहीं खोये रहे,
                                                     कभी राहें रफ़्ता-रफ़्ता , कभी हम चलते-चलते "

Sunday 21 April 2013

Hathkadh । हथकढ़: हम जाने क्या क्या भूल गए

Hathkadh । हथकढ़: हम जाने क्या क्या भूल गए: आज सुबह से इतिहास की एक किताब खोज रहा था। किताब नहीं मिली। इस किताब में यात्री के द्वारा लिखे गए ब्योरों में उस काल का इतिहास दर्ज़ था। पि...

Monday 10 December 2012

"....लबे तब्बसुम से धवल चाँदनी गाने लगे हो "

"चाँद पे तुम महरबाँ नज़र आने लगे हो
इतने कि ख़ुद ही चाँद नज़र आने लगे हो "
"रोशन है तेरे ज़माल से मेरे दोनों जहान
लबे तब्बसुम से धवल चाँदनी गाने लगे हो "
"फिर हुई जा रही है सहर मेरे ख़्वाबों की
फिर तन्हा करके मुझे तुम जाने लगे हो "
* नरेन *

"....इश्क़ में तेरे बदनाम मिले"

"तेरी तलाश में लोग तमाम मिले
तू ना मिला कई तेरे हमनाम मिले"
"रिंद-ओ-नासेह रहबर-ओ -रहनुमां
जो मिले है इश्क़ में तेरे बदनाम मिले"
"मेरी मंज़िल है या तेरा दयार है
जिधर भी देखिए तेरे गुमनाम मिले"
----' नरेन '


Sunday 18 November 2012

रियासत-ए-इश्क़ अपने नाम......




तकदीर में नहीं तू ,जिसमे हो तू शामिल
कुछ ऐसा अपना नसीब लिख दूँ तो चलूँ
खुदा की इबादत में तेरा नाम
ऐ मेरे हबीब लिख दूँ तो चलूँ
मेरा दिल ही ना हुआ मेरा , दुआएं तमाम
क्या करूँ ,नाम-ए-रकीब लिख दूँ तो चलूँ
रियासत-ए-इश्क़ अपने नाम
एक-दो ज़रीब लिख दूँ तो चलूँ    ---नरेन 

रात रात भर......

" दिया कीजिएगा सदाएँ रात रात भर ।
 लिया कीजिएगा बलाएँ रात रात भर ।।
 फ़र्क नहीं इश्क़ेबुताँ-ओ-इबादतेख़ुदा मेँ ।।।
 किया कीजिएगा दुआएँ रात रात भर "।।।।
                       ¤नरेन¤